गुरुदेव मेरे गुरुदेव मेरे
गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे , जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है, है तू जहाँ पर, मंज़िल भी वहीँ
गुरुदेव मेरे, गुरुदेव मेरे , जो तू नहीं तो कुछ भी नहीं है, है तू जहाँ पर, मंज़िल भी वहीँ
म्हारे गुरुदेव घर आया रे ,भाग पुरबलो जागो, सतगुरु आया म्हारे आनन्द छाया , म्हारो मन माला में लागो रे,
गुरुदेव दया करदो मुझ पर, मुझे अपनी शरण में रहने दो, मुझे ज्ञान के सागर से स्वामी अब ,निर्मल गागर
गुरुदेवा ओ म्हारा स्वामी देवा । चरण कमल री करु सेवा ॥ अधर आसन म्हारा ग़ुरुसा बिराजे । मै तो
आज तो सखी म्हारी जाऊँ बलिहारा |टेर| उत्तम भया आँगना पवित्र भई भावना | राम रा भगत होय राम गुण
दस मेरे मालका कोई एहो जेहि था, बेठी तने जिथे तेरा भजन करा ।॥ जिथे कोई दुनिया दा शोर ना
वैष्णव जन तो तेने कहिये जे, पीड़ पराई जाने रे | पर दुख्खे उपकार करे तोये, मन अभिमान न आने
अँखियो में नमि सी हो दिल बैठा हो हार के, जब कुछ न नजर आये, मुझे तू ही नजर आये,
कोई पंहुचा दो सन्देश मेरा, मन लगता नहीं गुरु जी तुम बिन इक दिन, आँखों में आंसू आते है, अब
अंतरयामी नू दसा कि हाल दिल दा, गुरु जी प्यारे नु दसा की हाल दिल दा, मेथो वध एहनु पता