
बाला जी अपने द्वारे
हम को कभी आप बुलाओगे बाला जी अपने द्वारे, कभी अपने गले लगाओ गे बाला जी अपने द्वारे, खुली पलकियां

हम को कभी आप बुलाओगे बाला जी अपने द्वारे, कभी अपने गले लगाओ गे बाला जी अपने द्वारे, खुली पलकियां

आना पवन कुमार हमारे हरी कीर्तन में, आना अंजनी के लाल हमारे हरी कीर्तन में, आना पवन कुमार…… आप भी

कारोबार मेरो बाला जी चलावे, म्हारी बैलेंस शीत बाला जी बनावे, जीवे में कदे भी गातो आवे न कारोबार मेरो

मेहंदीपुर के बाला जी हमे तेरा सहारा है, जब जब भी भीड़ पड़ी तुमको ही पुकारा है, मेहंदीपुर के बाला

कपि रामदूत कहलाए, जब लंका जलाने आए, कपि राम दूत कहलाए, जब लंका जलाने आए ॥ कभी इस डाल पर

वो है माँ अंजनी का लाला राम दुलारा है, उसने राम प्रभु का सगरा काज स्वरा है, भुटटी को लाये

मेहंदीपुर आले बाबा तेरी याद सतावे से कद घर आवे म्हारा बाला जी मने चिंता खावे से, कब से राह

हाथ जोड़ विनती करू सुनियो चित लागय दास आग्यो शरण में रखयो इसकी लाज, धन्य मरुधर देश है , सालासर

हो बाबा का प्यारा सजा लगा दरबार हो बाबा का प्यारा हो बाबा का प्यारा बाबा तेरा दर फूलो से

सच्चा है मेहंदीपुर धाम, बाला जी खुश होते बोलो राम राम , बोलो राम राम राम श्री राम सेवा करने