
ना स्वर है ना सरगम है
ना स्वर हैं, ना सरगम हैं, ना लय न तराना है। बजरंग के चरणो में एक फूल चढ़ाना है॥ तुम

ना स्वर हैं, ना सरगम हैं, ना लय न तराना है। बजरंग के चरणो में एक फूल चढ़ाना है॥ तुम

आया दर पे तुम्हारे हनुमान जी इस धरती पे हु परेशान जी, अब कुछ न सूजे मेरे बाला जी आके

लंका गढ़ में कुदेया हनुमत ध्यान धरा श्री राम का, भजा दियां लंका में ढंका हनुमत ने राम के नाम

रघुवर बोले जल्दी से जाना, हनुमान संजीवनी भुट्टी लाना छोटा भाई तुम को बचाना, हनुमान संजीवनी भुट्टी लाना दो वीरो

ये सेठ बड़ा है मोटा मारे असुरो को दौड़ा के सोटा, बाला जी बड़े पॉवरफुल है, पेहने है लाल लंगोटा

अरे ओ अंजनी के लाला, मुझे तेरा एक सहारा ॥ अब अपनी शरण में ले ले, मैं बालक हुँ दुखियारा

ध्यान करू बजरंग बलि तोरी इसबा सर गुणगान करू , अपने दोनों हाथ को जोड़े ध्यान करू परिणाम करू, मन

लाल देह लाली लसे,अरु धरि लाल लँगूर बज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सूर अंजनी दुलारे, वो पवन

थारे झांझ नगाड़ा बाजे रे, सालासर के मंदिर में हनुमान विराजे रे॥ भारत राजस्थान में जी सालासर है एक धाम,

अंजनी लाला जपे रोज हम तेरी माला, मन के मंदिर में तुझको वसाया गुण तेरा ही हम ने है गाया,