
हनुमंत भजो बिगड़ी बन जावे तुरंत
हनुमंत भजो बिगड़ी बन जावे तुरंत हनुमान भजो बिगड़ी बन जाए तुरंत वीरो में वीर बजरंग महावीर जैसे रण में

हनुमंत भजो बिगड़ी बन जावे तुरंत हनुमान भजो बिगड़ी बन जाए तुरंत वीरो में वीर बजरंग महावीर जैसे रण में

ना स्वर हे ना सरगम हे,ना लय ना तराना हे, हनुमान के चरणों में एक फूल चढ़ाना हे, ना स्वर

हे ऋ जय बाबा जी गाओ मीठी तालियाँ बजाओ दर्शन होंगे सब को कोई न रेह पावेगा बाबा आवेगा मेरा

जब रावण पापी न माना, प्यार दे बात तुम्हारी, जय सिया बोल के तुमने फूंक दी लंका सारी, सीता बोली

ज्योत जगा तेरे नाम की बजरंग ध्यान लगाते है, तुझे मानते है आज हम तुझे मानते है, हमारी सुनना सारी

श्री राम जय राम करहे बालाजी सब पापा का जीकर करे यो राम नाम पे रुधन करे राम बिन पापा

वन्दे सन्तं हनुमन्तं। राम भक्तं बलवन्तं॥ ज्ञान पण्डित, अन्जनतन्यं। पावना पुत्र, भकरतेजं॥ वायुदेवं वानरवीरं। सचिदनदं प्रानदेवं॥ रामभक्तं बलवन्तं। वन्दे सन्तं

मुझे यु छोड़ कर न जाया करो तुझे जब मैं पुकारू आ जाया करो मेरे राम मेरे राम मेरे राम

मेरे प्रभु जानते है बात घट घट की बजाये जा तू प्यारे हनुमान चुटकी, तेरे माथे पर है बेटा तलवार

जामवंत के बचन सुहाए। सुनि हनुमंत हृदय अति भाए॥ तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई। सहि दुख कंद मूल फल खाई॥ जाम्बवान के सुहावने वचन