लाओ लाओ हनुमान संजीवनी
लाओ लाओ हनुमान संजीवनी, मेरा लक्ष्मण भ्राता जमीं पर पड़ा, लाओ लाओ हनुमान संजीवनी, मेरा लक्ष्मण भ्राता जमीं पर पड़ा,
लाओ लाओ हनुमान संजीवनी, मेरा लक्ष्मण भ्राता जमीं पर पड़ा, लाओ लाओ हनुमान संजीवनी, मेरा लक्ष्मण भ्राता जमीं पर पड़ा,
बजरंग बली मेरी नाव चली मेरी नाव को पार लगा देना मुझे रोग ने शोक ने घेर लिया संताप ह्रदय
तोड़ तोड़ मनियां माला फेंक रहे हनुमान, कर दियां बिभीषण का पल भर में चूर चूर अभिमान, तोड़ तोड़ मनियां
परचम लहराया रन में रघुवर की शान का, लंका में डंका भाजे प्यारे हनुमान का, परचम लहराया रन में रघुवर
सिया से कहे हनुमाना रे,माँ क्यों सिंदूर लगाया, पूछे जब हनुमान गोसाई सुन के सीता माँ मुस्काई,भेद ये मुझे बताना
सालासार वाले बाबा सियाराम जी है तू है दुलारा, तू सुनेले पुकार बाला जी, तेरे चरणों में जोट जगा के
अंजनी का लाला रे भक्तो का रखवाला रे जिस ने लिया तेरा आसरा उसके संकट को हर डाला रे, अंजनी
प्रमोशन करा दो मेरी तन्खा बड़ा दोम मेरे बाला जी मेरा थोड़े में गुजरा नहीं, मुझे भी सेठ बोले सब
सूरज को मुँह में न निगले मेरे छोटे से बजरंगी, मेरे छोटे से बजरंगी मेरे प्यारे से बजरंगी, जब बाला
हनुमान जी आप बजरंग बली महावीर ||टेर|| भक्तजनों का काज सारिया, जब जब पडी भक्तों पर भीर ||1|| चारों जुगां