
कहवे तन्ने राम भक्त हनुमान
सवारे तन्ने,राम के बिगड़े काम हैं अतुलित बल बुद्धि के धाम कहवे तन्ने,राम भक्त हनुमान विराजे तेरे घट में सीता

सवारे तन्ने,राम के बिगड़े काम हैं अतुलित बल बुद्धि के धाम कहवे तन्ने,राम भक्त हनुमान विराजे तेरे घट में सीता

हर दुःख में हर संकट में बजरंगी को पायेगा, राम भक्त भजरंग बलि का नारा जो भी लगाए गा, हर

राम शरण में ले चालूं मेरी पूछ पकड़ ले रे राजा रावण अपनी मूछ थोड़ी नीची कर के रे राजा

गूंज गया गूंज गया बाबा का जयकारा गूंज गया, जो लगाई आग पूंछ में लंका गड में कूद गया, गूंज

सब कुछ मिला है न कोई गिला है, मेहरबानियों का तेरी ये सिलसिला है, सब कुछ मिला है न कोई

लाल लंगोटे वाला हाथ में सोटे वाला, बजरंगी बड़ा ही कमाल प्यारा प्यारा अंजनी का लाल, सीता का पता लगया

मैं पागल सा हो ग्या रे बाबा ओ तेरे प्यार में मन्ने दर्शन दे दे एक बार आ जा दरबार

बाला जी दरबार पे भरोसा होना चाइये, बाला जी पे पूरा इतवार होना चाहिए, नियम बना ले मंगलवर शनिवार का

जाकी गति है हनुमान की । ताके मन मह बसत हैं, श्री राम लखन अरु जानकी ॥ 1. हनुमत कृपा

लाल देह और लाल है चोला मुखड़ा भोला भाला ऐसे बजरंग बाला होs मां अंजनी का लाला, शीश मुकुट है