ओ सालासर के राजा
ओ सालासर के राजा मैं दर तेरे आवा जावा गा कर किरपा ओ मेहंदीपुर के राजा मैं दर तेरे आवा
ओ सालासर के राजा मैं दर तेरे आवा जावा गा कर किरपा ओ मेहंदीपुर के राजा मैं दर तेरे आवा
जय बुलाता चल बाला की जय बुलाता चल ओ भक्ता रे बालाजी के चरणों में मिलता मुक्ति फल सालसर में
लगाके जय श्री राम के नारे नाचे राम भक्त लंका में, सारी वाटिका तोड़ के बोले हनुमत जय श्री राम,
लागेयो लक्ष्मण जी के बाण, कवे हनुमान सु राम, थाने जानो जरूरी काम सुण ले बजरंगी बजरंगी रे, मारा बजरंगी
सालसर में है ठिकाना हनुमान बजरंग जी का बड़ा लगाता है सुहाना अस्थान बजरंग जी का तकदीर का धनी है
ओ घाटे वाले….…… बुलाते हैं मेरे अंसुवन, कि सिसके सांसों की सरगम, कि निशिदिन तुम्हें पुकारे मन….ओ…..हो…. ओ घाटे वाले।
बड़ा प्यारा लगे है दरबार बाला जी, ओये किस ने किया तेरा शृंगार बाला जी, बड़ा प्यारा लगे है दरबार
भक्ति और शक्ति के दाता, रामचरण से जिनका नाता, म्हारा बजरंगबली….. राम बिना जिनको कुछ भी ना ध्यावे, राम में
जिस पर किरपा श्री राम की वो बैठ्यो मौज करे, जिस पे राजी हनुमान जी वो बैठ्यो मौज करे राम
मरघट वाले बाबा की शोभा सबसे न्यारी, कर देता पल में पूरी मुरादे, आये जो चल के शरदा से दुखी