गूँजे जयकारा सरकार थारै सालासर मन्दिर मैं
थारै सालासर मन्दिर में थारै मेहंदीपुर मन्दिर में हो गूंजै … हो गूँजै…हो गूँजे जयकारा सरकार….. थारै सालासर मन्दिर में
थारै सालासर मन्दिर में थारै मेहंदीपुर मन्दिर में हो गूंजै … हो गूँजै…हो गूँजे जयकारा सरकार….. थारै सालासर मन्दिर में
राम दुलारे हनुमत प्यारे मन की ज्योत जगाते है, भगति हम को सिखलाने वे सवयं भगत बन जाते है, राम
श्लोक | Shloka : शान्तं शाश्वतमप्रमेयमनघं निर्वाणशान्तिप्रदं ब्रह्माशम्भुफणीन्द्रसेव्यमनिशं वेदान्तवेद्यं विभुम्। रामाख्यं जगदीश्वरं सुरगुरुं मायामनुष्यं हरिं वन्देऽहं करुणाकरं रघुवरं भूपालचूडामणिम्॥1॥ śāntaṃ
भक्त तेरे बुलाये हनुमान रे तुझे आज रे, ओ मेरे बाला बलवान रे, भक्त तेरे बुलाए हनुमान रे, तुझे आज
हक से कहती हूँ, मैं हक से कहती हूँ बाबा मेरा है, मुझे पग पग पे वो, देता सहारा है,
बाबा तेरे फोटो ने मने ऐसी चढ़ा दी घोर, तने मैं टोल ता फिरू, मैं मेहंदीपुर में आया मने सोची
अपना मुझे बना लो, मेरा और ना सहारा चरणों से दूर रहकर, कैसे करूँ गुज़ारा दिल की किसे सुनाएँ ख़ुदग़र्ज़
पूजा है तुझको ध्याऊँगा हरदम मन में बस तू है विश्वाश ना हो ये कम मेहंदीपुर की महिमा कोई कह
जय बोलो बजरंगी बलि की, जय जय पवन कुमार, हनुमान बाला जी करते सबका बेडा पार, बोलो श्री राम की
राम के रंग में रंगा हुआ है अंजनी सूत बजरंग बाला ऐसा लगता झलक रहा है जैसे भगती का प्याला