आरती कीजे हनुमान लला की
आरती कीजे हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की || जाके बल से गिरिवर कांपे | रोग दोष
आरती कीजे हनुमान लला की | दुष्ट दलन रघुनाथ कला की || जाके बल से गिरिवर कांपे | रोग दोष
भगतो की लेने आये खबर बाला जी अपनी गाडी में, आते है भगत मेरे दर्शन कर आज मैं भी चला
हो हो बालाजी मेरा संकट काटो ने, हो इधर उधर न डोल रहया, मेरे दिल ने डाटो न, हो हो
लड्डू राम नाम का खा ले, तेरा हो जागा कल्याण ll भर भर बुकटे मेहंदीपुर में, बाँट रहे हनुमान, लड्डू
उठे तो बोले राम, बैठे तो बोले राम। यो तो रामभक्त हनुमान, बोले राम राम राम॥ आकें राम नाम की
जा रहे हो बजरंग बली बन कर के बी स एन ल। चल दिये बजरंग बली बन कर के एयर
मेरे रोम रोम में वस् गया इ सखी बाबा घाटे वाला, बोला सा रूप सादा सा बाना, होके मगन राम
सोने चांदी के सिको में भगति को न तोल, मोल नहीं है इसका कोई नाम है ये अनमोल, बलि बलि
राम जी के संग हनुमाना मेरे घर में आना, आकर के फिर नहीं जाना मुझे दर्श दिखाना, राम जी के
बाला जी संकट काटे म्हणे मेहंदीपुर में देख लिया, शरद भाव दिखा देने जो लड्डू खाते छोटे छोटे, जो काया