मन में वसे जिनके सिया राम
पावन है मरघट वाले का धाम मन में वसे जिनके सिया राम, मन में वसे जिनके सिया राम उनके चरणों
पावन है मरघट वाले का धाम मन में वसे जिनके सिया राम, मन में वसे जिनके सिया राम उनके चरणों
हे संकट मोचन करते हे वंदन, तेरे बिना संकट कौन हरे ओ बाबा तेरे बिना…. सालासर वाले,तुम हो रखवाले, तेरे
तेरा चमके चोला लाल बाला बजरंगी बाला बजरंगी बाला बजरंगी, तेरा चमके चोला लाल बाला बजरंगी रंगा है चोला राम
मुर्षित लखन बेसूद मति संकट हरो हे महारथी , मारुती मेरे मारुती मारुती आजा मारुती, ऐसा न हो मिलना लखन
माता अंजनी के प्यारे श्री राम की आंख के तारे, विश्व मंगल हनुमान तुम्हरा क्या कहना, कालखड़ी है धाम तुम्हारा
आया छोड़ के सारा संसार, मेरी मेहंदीपुर वाली सरकार, मेरी जोशीनगर वाली सरकार, झोली भर दो मेरी तेरे दर पे
एक गिलहरी बार-बार सागर में पूँछ भिगावे… राम जी ने पूछा – “गिलहरी क्या कर रही हो ?” बड़े नुकीले
तेरे जैसा राम भक्त कोई हुआ न होगा मतवाला, एक जरा सी बात पे तूने सीना फाड़ दिखा डाला, रतन
मेरे वीर हनुमान प्यारे प्यारे, श्री राम जी के तुम हो दुलारे, प्रभु लीला हमे भी दिखलाना, मेरे वीर हनुमान
तर्ज़–कभी बेबसी ने मारा मनको की है यह माला मेरे काम की नहीं है इसमें कहीं भी सूरत मेरे राम