ओजी बालाजी थे अर्जी म्हारी सुण लो जी
ओजी बालाजी थे अर्जी म्हारी सुण लो जी, भक्ता रा बुलाया बेगा आवज्यो महाराज॥ ओजी बालाजी थे अंजनि मां का
ओजी बालाजी थे अर्जी म्हारी सुण लो जी, भक्ता रा बुलाया बेगा आवज्यो महाराज॥ ओजी बालाजी थे अंजनि मां का
आरती जगमग जगमग चमके, बालाजी महाराज की,सालासर दरबार की, आरती जगमग जगमग चमकें, बालाजी महाराज की….. चैत सुदी पूनम को
होली खेलैं हनुमाना अवध में , होली खेलैं हनुमाना…. जाके ह्रदय सियाराम बिराजैं, भक्ती का रस बरसाना अवध में ,
ओ पर्वत उठाने वाले बाबा मेरा दुःख भी उठा ले ने, ओ मेरे नैनं बरसे नीर बाबा मेरी जान बचाले,
मैं बाला जी मैं आई सारे संकट कटवाने, हाथो को जोड़ के बोली मैं अबला नारी भोली, बाला भर मेरी
बाला सा थाने कोण सजाया जी, म्हारे मनड़ो हर लीनो थारी सूरत मतवाली, थारे हाथ में घोटा लाल लंगोटा जी,
मेरी क्या है खता मेरे बाला जी बता, आप के होते हुए दिया दुखो ने सत्ता, मैं हु बाबा दास
मेहंदीपुर के रणरंगी सालासर के बजरंगी दोनों भगतो के रखवाले है, महावीर है दोनों दबंगी श्री राम प्रभु के संगी
तेरा मेहंदीपुर दरबार रे ओ बाला जी बाला जी, तेरी हो रही जय जय कार रे ओ बाला जी बाला
राम गुण गा लो जी, बाबा का दर्श जो पाना, और जीवन को सफल बनाना, राम गुण गा लो जी,