
एक दिन अग्नि में जल जाए
एक दिन अग्नि में जल जाए गई आ चन्दरमा सी शान तेरी, राम नाम के भजन बिना ना होगी नैया
एक दिन अग्नि में जल जाए गई आ चन्दरमा सी शान तेरी, राम नाम के भजन बिना ना होगी नैया
बाला जी के धाम पे एक बार जो भी आ गया, सोचना जितना हो उतनी खुशियां दर से पा गया,
सीता के सिंधुर से राजी कौशल्या के लाला, इसलिए हनुमान ने तन को सिंधुरी कर ढाला, सीता जी ने मांग
सिंदूरी तन तूने रंग डाला, भक्ति में कारज ये कर डाला, माता सिया को देखा था इक दिन सिंधुर मांग
हनुमान जी नाच रहे है श्री राम की मस्ती में, आओ हम भी नाचे मिल के सारे बाला जी की
आजा ओ मेरे बजरंगबली भक्तों ने तुझे पुकारा है, अर्जी तेरी दरखास तेरी बाबा तेरे चरणों में लगी आस मेरी,
अपने दिल में राम दिखाये सीना चीर के, अजब अनोखे काम है मेरे हनुमत वीर के, आई थी जब जिमेदारी
मेहंदीपुर और सालासर में रुका शिवअवतारी का, कसम से जादू सा कर गया मैं फैन सु राम पुजारी का, बाल
कलयुग मे सिद्ध हो देव तुम्ही हनुमान तुम्हारा क्या कहना । तेरी शक्ति का क्या कहना, तेरी भक्ति का क्या
भगत श्री राम का नहीं है हनुमान सा, दीवाना श्री राम का नहीं है हनुमान सा, तन सिंदूरी रंग के