मन बाला जी बाला जी बोले
मन बाला जी बाला जी बोले मेरा तो मन मेहंदीपुर में ही डोले बुलाये बजरंग बाला जो मेरे मन मतवाला
मन बाला जी बाला जी बोले मेरा तो मन मेहंदीपुर में ही डोले बुलाये बजरंग बाला जो मेरे मन मतवाला
खुल जाएगा तेरी किस्मत का ताला ताला रे इनकी शरण में आजा तू सब दुःख जाला जाला रे हर दम
बाज रहा डंका दुनिया में बजरंग बाला का अरे लहरें लाल पताका माँ अंजनी के लाला का बाज रहा डंका
मेरे बाबा घने दयालु है आज मांग के देख ले विश्वाश नही तो मेहंदीपुर में जा के देख ले तू
तिहु लोक मे बजरंग तुमने भक्ति का दीप जलाया, तेरे रोम-रोम मे हनुमत सिया राम का रूप समाया॥ सीता का
बाला जी में होली खेले गे, भेरो भी संग में खेले गे, प्रेत राज भी संग में खेले गे, बाला
राम जी के प्यारे एक काम कर दे, सारी दुनिया में मेरा नाम करदे, गल में सोने की इक चेन
कीर्तन मे अब रंग बरसने वाला है, देखो देखो आ गया बजरंग बाला है, जहाँ जहाँ कीर्तन प्रभु का होता
ना रोवे ज्योत पे आवे गे वो पवनसुत हनुमान सखी, रोवे न तू धीरज धरले संकट मोचन हार वही, जग
मनोजवम मारुत तुल्य वेगम, जितेंद्रियम बुद्धिमतां वरिष्ठं वातात्मजं वानारायूथ मुख्यम, श्रीराम दूतं शरणम प्रपद्धे || मंगल मूरति, मारुतनंदन, भक्तविभूषण जय