हनुमान तेरा क्या कहना
एक कंधे पर लखन विराजे दूजे पर रघुवीर, वीर बलि महावीर हरी तुमने भगतो की पीड़, सिया राम के भजन
एक कंधे पर लखन विराजे दूजे पर रघुवीर, वीर बलि महावीर हरी तुमने भगतो की पीड़, सिया राम के भजन
वा वा रे बजरंगी बाला बडो बलकारी रे बाली बस में मनड़ो मछलियो , कूद कर अम्बर में उतरियो औजी
तर्ज – झुठ बोले कवा काटे सारा संकट पल मे काटे , देखो अजंनी को लालो बाबो दाडी मुच्छा राखे
सीना चीर के बोले, हनुमान जी, मेरे ह्रदय, विराजे श्री राम जी , जिसके ह्रदय, राम वसे हैं, “वोह यह
वीर बली लंका में पहुंचा तोड़ दिया परकोटा बड़े-बड़े युद्ध को मारा और घुमाया सोटा ओ बल्ले बल्ले हो गई
ये सेठ बड़ा है मोटा मारे असुरो को दोड़ाके सोता, बाला जी बड़े पावर फूल है, पहने है लाल लंगोटा
राम नाम से लगन लगाऐ, हृदय में सियाराम बसाये, होके मगन राम,नाम है उचारे, गजब कर डारे मांथे सिया जी
बिगड़ी बना दे बाला दुखड़े मिटा दे बाला, सेवा करेंगे तेरी पूजा करेंगे तेरी, लाल ध्वजा बजरंग की देखो लागे
सारे जग को छोड़ बाबा आया तेरे द्वार मेरी डूबी नैया का तू ही पतवार गल बैजयंती माला है और
वो कौन है जो संकट मिटाये, मेरे बजरंगबली मेरे बजरंगबली ॥ राम जी की किरपा से ये सब कुछ करे,