पवन पुत्र बजरंग बलि
पवन पुत्र बजरंग बलि श्री राम दूत हनुमान आसरो तेरो है, सिया राम जी के चाकर थे मन में राम
पवन पुत्र बजरंग बलि श्री राम दूत हनुमान आसरो तेरो है, सिया राम जी के चाकर थे मन में राम
दोनों हाथ से वक्श चीर कर दिखा दिए सिया राम जय जय राम भक्त हनुमान अहिरावन की बुजा उखाड़े संतन
मैं झालापुरी में आया, जब भर के नजर लखाया मेरे वो है मन रूप भाया मेहंदीपुर वाला, बाबा सेम घाटे
बजरंग बाला ने पवन के लाला ने कोटन कोट प्रणाम भिखारी तेरे द्वार का, बजरँग बाला ने पवन के लाला
बाबा बजरंग जी अद्भुत तेरी माया मेरे बाला जी अद्भुत तेरी माया जो भी तेरे दर पे आया उसने सब
हल कर सका नहीं कोई ऐसा सवाल हु, हनुमान मेरा नाम मैं अंजनी का लाल हु, आदेश कीजिये मैं रुख
चाल मझधार में छोड़ के नैया, ओ मेरे लक्ष्मण भैया तुम्हें क्या हो गया है वन में अकेली लकड़ी कैसे
बाला जी क्यों बाँध लिए पाया में घुंगरू आज, श्री राम को मनाऊ सु मैं छोड़ के सारे काज, बाला
भक्ता के कष्ट मिटा ज्याइए-॥ म्हारे गाम म गेड़ा बाबा ला ज्याइए। हरयाणे म गेड़ा बाबा ला ज्याइए। नारी की
हे अंजनी सूत हनुमान पधारो म्हारे कीर्तन में, बाला जी भगवान पधारो हमारे कीर्तन में आओ हनुमान जी पधारो हनुमान