
हल कर सका नहीं कोई ऐसा सवाल हु
हल कर सका नहीं कोई ऐसा सवाल हु, हनुमान मेरा नाम मैं अंजनी का लाल हु, आदेश कीजिये मैं रुख

हल कर सका नहीं कोई ऐसा सवाल हु, हनुमान मेरा नाम मैं अंजनी का लाल हु, आदेश कीजिये मैं रुख

चाल मझधार में छोड़ के नैया, ओ मेरे लक्ष्मण भैया तुम्हें क्या हो गया है वन में अकेली लकड़ी कैसे

बाला जी क्यों बाँध लिए पाया में घुंगरू आज, श्री राम को मनाऊ सु मैं छोड़ के सारे काज, बाला

भक्ता के कष्ट मिटा ज्याइए-॥ म्हारे गाम म गेड़ा बाबा ला ज्याइए। हरयाणे म गेड़ा बाबा ला ज्याइए। नारी की

हे अंजनी सूत हनुमान पधारो म्हारे कीर्तन में, बाला जी भगवान पधारो हमारे कीर्तन में आओ हनुमान जी पधारो हनुमान

ना जाने किसे वैरी ने माहरे पितर भांध दिए बाबा, करा काम किसे ने खोट्या हमने दुःख हो रहा मोटा,

सालासर के मंदिर में भक्त बावरो नाचे रे, आप भी नाचे और नचावे थारो चली सो बागे रे, भोलो भालो

राम राम जपलो भगतो घर आवेगे बाला जी, प्रभु जी का सुमिरन करलो घर आवेगे बाला जी, चलती है जब

रावणा के देश गयो, सीया का संदेशो लायो । कबहू ना किनी वो तो बात अभिमान की ॥ छिन में

मैनु रखलो सेवादार बाला जी होजे बल्ले बल्ले, रज रज के करा दीदार बाला जी होजे बल्ले बल्ले, कई साला