ओ कुटिया वाले बालाजी तेरा हो गया
आया जब से दर पे जाने क्या हो गया, ओ कुटिया वाले बालाजी तेरा हो गया कुटिया वाले बाला जी
आया जब से दर पे जाने क्या हो गया, ओ कुटिया वाले बालाजी तेरा हो गया कुटिया वाले बाला जी
सोवे रे भगत तेरा खुटी ताने, तू जाने तेरो काम जाने, भोले भाले टाबरा ने तेरो ही सहारो, बोल बजरंगी
(तर्ज: जोड़ी रो जवाब नहीं…) बलियों में हो थे बलवानी , महिमा थारी जाये ना जानी , देवो में देव
अरे दिये छोटे छोटे लाडू बाबा ने कर दियां जादू, जब दो लड्डू खाये भवन में , चकर लागया चड़न
कोई तने कहता राम पुजारी, कोई कहे शिवशंकर अवतारी, हो तेरा भजा जो घर पे ढोल, बाला जी माहने पाछे
बाबा खोल मंदिर के द्वार दर्शन करने संगत आई, सुन सुन महिमा तेरी अपार दर्शन करने संगत आई, तू सुर
ॐ जय डिग्गी वाले नाथ हरे, देवा अंजनी के लाल हरे, पीलीबंगा धाम विराजत, अनुपम रूप धरे……ॐ जय…. दक्षिण मूरत
मेरे हनुमान का तो काम ही निराला है, राम का दुलारा मैया अंजनी का लाला है, मेरे हनुमान का तो
मेरा साथी मेरा लाल लंगोटे वाला है, मेरा साथी मेरा बाबा सोटे वाला है, बजरंग वाला मेरा रखवाला अंजनी लाला
ना ही राम के तीर का ना रावण की मुश् का, सारा खेल तमाशा से इक बानर की पूंछ का,