
आरती श्री डिग्गी वाले बाबा
ॐ जय डिग्गी वाले नाथ हरे, देवा अंजनी के लाल हरे, पीलीबंगा धाम विराजत, अनुपम रूप धरे……ॐ जय…. दक्षिण मूरत
ॐ जय डिग्गी वाले नाथ हरे, देवा अंजनी के लाल हरे, पीलीबंगा धाम विराजत, अनुपम रूप धरे……ॐ जय…. दक्षिण मूरत
मेरे हनुमान का तो काम ही निराला है, राम का दुलारा मैया अंजनी का लाला है, मेरे हनुमान का तो
मेरा साथी मेरा लाल लंगोटे वाला है, मेरा साथी मेरा बाबा सोटे वाला है, बजरंग वाला मेरा रखवाला अंजनी लाला
ना ही राम के तीर का ना रावण की मुश् का, सारा खेल तमाशा से इक बानर की पूंछ का,
हनुमान के बिना श्री राम नहीं रहते, प्रभु का प्रेम देख के हम भक्त तो यही कहते, बोलो श्री राम
पवन वेग से है चाले है चलते लेके नाम का राम, मंगल को जन्मे मंगल ही करते मंगल मई हनुमान,
भक्तो के संग है दुष्टो के दंत है, वीरो के वीर बजरंग बलि, तोडा है घमंड रावण की लंका जली,
मोहे राम जी से मिलवाये दो हनुमत बजरंगी प्यारे, मंगल तेरे मंदिर आएंगे, चोला सिंधुर चढ़ायेगे, मोहे प्रभु का दर्श
बजरंग बलि है सब से प्यारे राम के दुलारे मैं दिन रात सुमिरन करू, प्रभु की माया प्रभु ही जाने
तर्ज – देना है तो दिजीऐ जन्म चाहे मंगलवार हो, चाहे शनिवार दरबार मे तेरे बाबा