
चाहे मंगलवार हो चाहे शनिवार
तर्ज – देना है तो दिजीऐ जन्म चाहे मंगलवार हो, चाहे शनिवार दरबार मे तेरे बाबा

तर्ज – देना है तो दिजीऐ जन्म चाहे मंगलवार हो, चाहे शनिवार दरबार मे तेरे बाबा

लंका गढ़ में कुदेया हनुमत ध्यान धरा श्री राम का, बजा दिया लंका में डंका हनुमत ने राम के नाम

मन्ने दर्शन देदे हनुमान बहुत दुःख पा लिया, मेहंदीपुर की गली गली में तने घुंडता फिर गया, सालासर में बाला

जय सिया राम सिया राम जय जय राम, जय जय राम सिया राम सिया राम जय जय राम, बड़े मंगल

सुंदर फल जिस पाठ का,उसका सुन्दरकाण्ड है नाम, सुनकर खुश होते श्रीराम,सुनकर खुश होते हनुमान, रामचरितमानस और तुलसीदास को करो

कलयुग के है इक देवता जिनका नाम निराला, जो भी पूजे इनको खोले बंद किस्मत का ताला, जय हो जय

संकट में लक्ष्मण है ये राम ने मान लिया, संजीवनी लाने का हनुमान को काम दिया, राम के आँखों से

हे अंजनी पुत्र हे मारुती इतनी बिनती सवीकार करो । इस मन मंदिर में बस जाओ मुझ निर्बल का उद्दार

तेरे दरबार आए आज बाला जी, मेट महारी वेदना महाराज बाला जी, संकट मोचन नाम तुम्हारा संकट हरते हो, मंगल

(तर्ज कभी राम …..) मंगलवार तेरा है शनिवार तेरा है, बजरंगी संभालो परिवार तेरा है । मंगलवार को मंदिर में