मेरी भक्ति तू मेरी शक्ति तू
मेरी भक्ति तू मेरी शक्ति तू में कुछ भी नही प्रभु सब कुछ तू मेरे प्रभु है जिनवर है जिनवर
मेरी भक्ति तू मेरी शक्ति तू में कुछ भी नही प्रभु सब कुछ तू मेरे प्रभु है जिनवर है जिनवर
पार्श्वनाथ प्रभु मेरे पार्श्वनाथ प्रभु पार्श्वनाथ प्रभु मेरे पार्श्वनाथ प्रभु मिले हो मुझे प्रभु, बड़े नसीबो से है पाया मैंने
हे जिनवाणी माता, समय दर्शन ज्ञान चारित्र तू ही सुख दाता, हे जिनवाणी माता सुर नर मुनि ग्यानी तुझको है
पारस रे तेरी कठिन डगरिया किस विधि मैं तोहे पाऊँ रे साँवरिया कठिन तेरा जिन रूप में आना कठिन तेरे
प्रभु तेरी शोभा नजर आये झील मिलाये, तो जिन्दगी हो जाए सफल, प्रभु तू मिले अगर स्मित बहाए कुछ सुनाये,
बड़ी दुर से चलकर आया हूं, मेरे दादा तेरे दर्शन के लिए । एक फुल गुलाब का लाया हूं, चरणों
आज की इस दुनीयाँ मे कितना फैला है भ्रष्टाचार ये केसा कलयुग आया है मानव ही मानव पर देखो कर
ओम जय पारस देवा स्वामी जय पारस देवा सुर नर मुनिजन तुम चरणन की करते नित सेवा पौष वदी ग्यारस
जीवन है पानी की बूँद कब मिट जाए रे होनी अनहोनी कब क्या घाट जाए रे जितना भी कर जाओगे,
लाल चुनरिया ओड के मियाँ मेरे घर में अई, मेरे घर में आके मियाँ ने किरपा बरसाई, रम गई माँ