
तुमरे बिन हमरा कौन यहां
ओ तारणहारे नाकोड़ावाले, तुमरे बिन हमरा कौन यहां । चरणों में आया, दोषी तल छाया, तुमरे बिन हमरा कौन यहां

ओ तारणहारे नाकोड़ावाले, तुमरे बिन हमरा कौन यहां । चरणों में आया, दोषी तल छाया, तुमरे बिन हमरा कौन यहां

त्रिशला नन्दनम, प्रभु परमेश्वरम, स्वीकारो प्रभु मेरा आमंत्रणम । कौन कहता है भगवान आते नहीं, चंदना की तरह हम बुलाते

तेरे भक्त हज़ारो लाखो ए मेरे भेरू बाबा, मुझको भी अपना बनालो, ए मेरे भेरू बाबा, तेरे भक्त हज़ारो लाखो

हुई मुझसे प्रभु भूल, हर भूल को करो क्षमा, करो क्षमा – करो क्षमा, है मेरे प्रभु, है मेरे जिनदेव

मंदिर में आ पुण्य कमा जीवन को अपने सफल बना जीवन में तेरे न होगा तनाव मंदिर में आ, अर्घ

म्हाने सेवा रो अवसर दिजो राज, भैरु दादा रंगीला, आज दर्शन रा कोड म्हारा पुरजो राज, भैरु दादा रंगीला ।

मेरे प्यारे गुरुवार, तेरी मुझपे नज़र ॥ ख्वाब देखा जो पूरा मेरा होगया ॥ मेरे प्यारे गुरुवार, तेरी मुझपे नज़र

जिसने राग-द्वेष कामादिक, जीते सब जग जान लिया सब जीवों को मोक्ष मार्ग का, निस्पृह हो उपदेश दिया, बुद्ध, वीर

शीश नवा अरिहंत को, सिद्धन करूँ प्रणाम । उपाध्याय आचार्य का ले सुखकारी नाम। । सर्व साधु और सरस्वती, जिन-मंदिर

अहिँसा परमोधर्म: अहिँसा परमोधर्म: अहिँसा परमोधर्म: अहिँसा परमोधर्म: इस जैन धरम में जिनागम और संतो का समागम हमे पल-पल पल-पल