नमोकार मन्त्र है न्यारा
नमोकार मन्त्र है न्यारा, इसने लाखो को तारा इस महा मात्र का जाप करो, भव जल से मिले किनारा णमो
नमोकार मन्त्र है न्यारा, इसने लाखो को तारा इस महा मात्र का जाप करो, भव जल से मिले किनारा णमो
मैं करू वंदना तेरी, ओ मेरे पारसनाथ, मुझपर तो कृपा कर दो मेरे पारसनाथ, चरणों में तुमको शीश नवाऊं, नाथ
दादा का, दरबार सुहाना, लगता है ll, भक्तों का तो, दिल दीवाना, लगता है ll पल भर में, मन को,
जो स्वर्ग देखना चाहते है, वो कम्पिल जी आ जाते है, जिन प्रभु की नगरी कम्पिल जी, जिन प्रभु यहाँ
अरिहंत जय जय सिद्ध प्रभु जय जय । साधू जीवन जय जय जैन धर्म जय जय ॥ अरिहंत मंगल सिद्ध