
तेरे बिन कोई न हमारा हैं
तेरे बिन कोई न हमारा हैं श्याम तेरा ही अब सहारा है, आज आओ मोहन मुझपे उपकार करो, कष्ट हर

तेरे बिन कोई न हमारा हैं श्याम तेरा ही अब सहारा है, आज आओ मोहन मुझपे उपकार करो, कष्ट हर

जब से मैं खाटू नगर आ गया हु ऐसा लगता है जैसे घर आ गया हु मुझे मिल गया है

बाबा हमे तेरी आदत हो गयी है, जीवन की सुबह तुम हो, जीने की वजह तुम हो, बाबा हमे तेरी

फागुन के मेले में मिल गया श्याम मुझे कल श्याम अकेले में अमृत की हुई बरसात अब के फागुन में

म्हारे सिर पर है श्याम धनि रो हाँथ कोई तो म्हारो काई करसी जै कोई म्हारे श्याम धनि नै साँचे

तेरे दर्शन को दिल करता है ओ बाबा तेरे दर्शन को दिल करता है एक तेरे ही दर पे सर

अर्जी मेरी कब पड़ोगे सँवारे तुम बता दो न, प्यार तुम को भी है मुझसे तुम किसी दिन जता दो

बाबा ने सुनी माहरे मन की आज कमी रही न धन की, बाबा का शुक्र मनावा जी,हम गुण बाबा के

भटका हु मुझको भी दर पे बुला ले अपना बना ले के मेरा यहाँ कोई नही तेरे सिवा श्मेयाम मुझे

दुनिया चलती पेरो पर मै श्याम भरोसे चलता हु, मेरा कुछ भी नही है बाबा तेरे बरोसे पलता हु, भूल