
बरस दिन में आयो गोरी होरी
बरस दिन में आयो गोरी होरी आज मनाये ली जी, फागुन के दिन चार सखी तू रसिया से बतलाये दे

बरस दिन में आयो गोरी होरी आज मनाये ली जी, फागुन के दिन चार सखी तू रसिया से बतलाये दे

राधे रानी के चक्कर में फँस गयो रे , मेरा कान्हा तो मुश्किल में पड़ गइयो रे गोरी गोरी राधा

पवन पुत्र हनुमान तुम्हारी अजब अनोखी माया है, तुमसा दयालु कोई न जग में राम भक्त कहलाया है तेरी भगति

जीवन नैया तेरे हवाले, श्याम प्रभु तू पार लगा दे, जीवन नैया तेरे हवाले, दूर तलक तक अब कोई रहबर

बरसाने बजत वधाई भानु घर लाली आई किरत ने लाली जाई, बरसाने बजत वधाई सूरत चंदा सी प्यारी लागे तीन

अपना दहिया तू उतार गोरी ना जा जमुना पार गोकुल नगरी में रहता है कोई जादूगर अपना दहिया तू उतार…

जरे जरे में झांकी भगवान की, किसी सूझ वाली आंख ने पहचान की, जरे जरे में झांकी भगवान की, नाम

छुप छुप खड़े हो जरुर कोई बात है दही की मटकियाँ में डारो काहे हाथ है, आँगन में छीके से

श्रीकृष्ण मेरे उर में, बस आप बसे रहना, जब भटके मन मेरा, तुम थाम लिया करना, दुनियाँ तो है सब

नाम है मेरा नन्द किशोर केहलाता चाहू माखन चोर, जब जब मुरली मधुर बजाऊ झूम उठे सब चाहू और, गोकुल