
मेरे कान्हा मुरली वाले
मेरे कान्हा मुरली वाले क्यों न बतिया मेरी माने, नित गोपियों के संग तू खेले मेरा प्यार न तू पहचाने,

मेरे कान्हा मुरली वाले क्यों न बतिया मेरी माने, नित गोपियों के संग तू खेले मेरा प्यार न तू पहचाने,

जनम दिवस है आपका मनाने को हम सब हैं व्याकुल बड़े हुए इस दिन की खातिर हमने ख्वाब बड़े ही

मेरे विनती यही है श्याम प्यारे किरपा बरसाए रखना मुझे तेरा ही सहारा वनवारी चरणों से लिपटाए रखना छोड दुनिया

मेरे दिल में रहने वाले मुझसे नकाब क्यों, इतना मुझे बतादे मुझसे छुपा है क्यों, मेरे दिल में रहने वाले

बरसाने में होली खेलु राधा बड़ी प्यारी है, ये केहता कृष्ण मुरारी है, राधा संग सखियाँ सारी है होली में

ओ संवारे यादा च मरदी जावा, तेरे सिवा मेनू जचदा नही कोई, किस नु मैं दिल च वसावा यादा च

तेरी गलियों का मैं हु आशिक तू एक नगीना है, तेरी नजरो से सँवारे जाम पीना है, तेरी गलियों का

सावरे रसिया से अपनी पुरानी यारी । अपनी पुरानी यारी सखियों अपनी पुरानी यारी। ये रसिया मेरो रंग रंगीलो।

मांगनिया ने कदे भी नटे न संवारो मेहनत की कमाई सब ने देवे संवारो काम करने से पेहलेया थाणे ही

मेरी ऊँगली गया मरोड़ यशोदा कान्हा तेरा, जब पनिया भरन को जाये तो करे शैताने हाए, हमारी मटकी देवे फोड़