
अर्ज़ी हमारी मर्ज़ी तुम्हारी
अर्जी हमारी मर्जी तुम्हारी हे नंद नंदन बाँके बिहारी…….॥ हे अंतरयामी सबके स्वामी हे नन्द नंदन बाँके बिहारी अर्जी हमारी

अर्जी हमारी मर्जी तुम्हारी हे नंद नंदन बाँके बिहारी…….॥ हे अंतरयामी सबके स्वामी हे नन्द नंदन बाँके बिहारी अर्जी हमारी

भजे व्रजैकमण्डनं समस्तपापखण्डनं स्वभक्तचित्तरंजनं सदैव नन्दनन्दनम् सुपिच्छगुच्छमस्तकं सुनादवेणुहस्तकं अनंगरंगसागरं नमामि कृष्णनागरम् मनोजगर्वमोचनं विशाललोललोचनं विधूतगोपशोचनं नमामि पद्मलोचनम् करारविन्दभूधरं स्मितावलोकसुन्दरं महेन्द्रमानदारणं नमामि

तुम मोरी राखो लाज हरि, तूम जानत सब अंतरयामी करनी कशु न करी तुम मोरी राखो लाज हरि, ओगुन मो

॥ दोहा ॥ बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम। अरुण अधर जनु बिम्बा फल,पिताम्बर शुभ साज॥ जय मनमोहन मदन

अपने नटखट कान्हा को मैया क्यों न समजावे तेरो कान्हा बडो हठीलो यमुना तट पे उधम मचावे कान खोल कर

विच बरसाने दे उड़ डा बड़ा गुलाल, लोकि नचदे ने श्याम सुन्दर दे नाल, ओ विच बरसाने दे… गोपियाँ गावलियाँ

होलिया में उडे रे गुलाल, बरसाने की गलियों में, बरसाने की गलियों में ,बरसाने की गलियों में, बरसाने की राधा

तुम मेरी झोली भरदो मुझपर एहसान करदो, मेरे सरकार बाबा आया हु तुम्हारे दर पे, करने दीदार साई आया हु

किसने सजाया तुमको इतना शृंगार करके, मैं लूट गई कन्हैया दीदार यार करके, किसने सजाया तुमको……. हर फूल की काली

मेरो मॅन लग्यॉ बरसाने मे जहा विराजे राधा रानी, मॅन हटो दुनियादारी से, मॅन हटो दुनियादारी से, जहा मिले खरा