
मन में बसा कर तेरी मूर्ति उतारू मैं गिरधर तेरी आरती
मन में बसा कर तेरी मूर्ति उतारू मैं गिरधर तेरी आरती करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवान भव मै

मन में बसा कर तेरी मूर्ति उतारू मैं गिरधर तेरी आरती करुणा करो कष्ट हरो ज्ञान दो भगवान भव मै

आप जो मेरे साथ ना होते, जीवन में मेरे ठाट ना होते, जो कुछ दिया तुमने दिया दिल से करू

हरी मेरे जीवन प्राण आधार और आसरो नाही तुम बिन तीनो लोक मझार हरी मेरे जीवन प्राण आधार आप बिना

ओ कान्हा अब तो मुरली की, मधुर सुना दो तान -२ में हूँ तेरी प्रेम दीवानी, मुझको तू पहचान.. मधुर

बंसी बरसाने से ल्याए दूंगी सीख ले बजानो, जो कान्हा तू गीत न जाने, गीत तोहे सीखा दूंगी,सीख ले बजानो,

परदे से झांको न बिहारी जी तुम को नज़र लग जाएगी, कहे के कुंडल काहे के कलीरे, कहे का मुकट

कह रही राधिका प्यारे मोहन सुनो, तीर जामुन पे आने का वादा करो ॥ मोहिनी धुन पे मोहन कदम के

मन माखन मेरो चुराए गया री प्यारो प्यारो मोहन, नैनो से बात करे और मुख से कुछ न बोले, जब

मोहन छलवलियां मचाये गेयो खल वलीयां, मिलाये गियो दो नैना मेरा दिल लै चलियाँ, मोहन छलवलियां मचाये गेयो खल वलीयां

कन्हिया तुम्हि एक नजर देखना है जिधर तुम छुपे हो उधर देखना है विधुर भीलनी के जो घर तुमने देखे