
क्या मैं देखु यहाँ के नज़ारे
तेरे चहेरे से नजरे न हटती क्या मैं देखु यहाँ के नज़ारे, मेरे नैनो को कुछ भी न भये और

तेरे चहेरे से नजरे न हटती क्या मैं देखु यहाँ के नज़ारे, मेरे नैनो को कुछ भी न भये और

तू सुमिरन कर राधे राधे, तेरे कष्ट सभी मिट जायेंगे । राधा के पीछे श्याम स्वं तेरे द्वार पे दौड़े

राधे राधे के दिल मेरा श्याम ले गया श्याम ले गया मेरा घनश्याम ले गया मैं ता दुध गरम किता

दाता के दरबार मे खड़े सभी हाथ जोड़। देवन वाला एक है मांगत लाख करोड़॥ आज भी तेरा आसरा कल भी तेरी

आते हो श्याम तुम निधि वन में , कभी मेरे घर भी आया करो, व्याकुल है मन मेरा सुनने को,

कन्हैया, दीन दुखियों के, सहायक, तुम कहाते हो, दुखी हूँ, दीन हूँ मैं भी, मुझे फिर क्यों भुलाते हो, कन्हैया,

चमकने लगी मेरी तक़दीर है, जब से तेरे दर पे आने लगा, दर दर भटकना भी छोड़ दिया, मैं बारस

प्रेम की बात निराली, जिसने प्रेम किया न श्याम से, वो नर खाली है, प्रेम की बात निराली प्रेम किया

मेरे बांके बिहारी सांवरियां क्यों ये परदे लगाए हुए है, तेरे नैनो से नैना मिलाने हम भी दर तेरे आये

जागो… जग उज्यारा छाए, मन का अन्धेरा जाए, किरणों की रानी गाए, जागो हे मेरे मन मोहन, प्यारे जागे रे