
चूड़ी हारण बन के कान्हा बरसाने आया रे
माखन चोर दिल को चुराने आया रे, चूड़ी हारण बन के कान्हा बरसाने आया रे, काली पीली हरी नीली सारे

माखन चोर दिल को चुराने आया रे, चूड़ी हारण बन के कान्हा बरसाने आया रे, काली पीली हरी नीली सारे

मेरे लाल लाड़ली को झूला झुल्ला रहे है. और गर्दन घुमा घुमा के नज़रे मिला रहे है इस रूप के

आन वसो नंदलाल, मेरे सूने मंदिर में ll छाया जिस में, घोर अँधेरा l तुम आओ तो, होवे उजियारा l

नैनहीन को राह दिखा प्रभु पग पग ठोकर खाऊँ मैं नैनहीन को………. तुमरी नगरिया की कठिन डगरिया, चलत चलत गिर

मेरे नैनो में वस् जाओ,मेरे गोपाल गिरधारी, मेरे नैनो में वस् जाओ, झलक अपनी दिखला जाओ मेरे गोपाल गिरधारी, मेरे

तेरी नज़रो ने लूट लिया श्याम, हमें तो तुहि प्यारा लागे, प्यारा लागे रे सबसे न्यारा लागे, हो तेरा मुखड़ा

श्याम पीछा छोड राधे रानी का काहे ढूंढे रास्ता बृजधानी का जब जब घर से निकलू मोहे खडो मिले सावरिया

भर नजर देखु तूझे। घनश्याम तब आये मजा, यार से मिलती रहे बस। प्यार की मीठी सदा, भजन– तर्ज— अगर

सांवरिया थारा नाम हज़ार कैसे लिखूं कुंकु पतरी कुंकु पतरी रे श्याम प्रेम पतरी घनश्याम थारा नाम हज़ार कैसे लिखूं

लोका दे सहारे बड़े होंगे मेरा ता सहारा इक तू, लोका दे गुजारे बड़े होंगे मेरा ता गुजारा इक तू,