
श्याम नाम रंग बरसेगा फागण में
श्याम नाम रंग बरसेगा फागण में, चलो खेलेगे होली वृन्दावन में, रंग रसिया होली में रंग बरसाए, अपने ही रंग

श्याम नाम रंग बरसेगा फागण में, चलो खेलेगे होली वृन्दावन में, रंग रसिया होली में रंग बरसाए, अपने ही रंग

बस इतनी तमन्ना है, बस इतनी तमन्ना है, श्याम तुम्हे देखूं, घनश्याम तुम्हे देखूं । सर मुकुट सुहाना हो, माथे

जब मेरा श्याम पिघल जाये हर मुश्किल हल हो जाये, दे खुशियों की सौगात ये संवारा, जब ये हाथ बढ़ाता

होली खेलन आयो रे कान्हा, राधा क्यों चढ़ के अड़रिया काहे को शरमाये रे, होली खेलन आयो रे कान्हा, सुबह

मैं सेवक तेरे चरणों का, मोल नहीं है मेरे कर्मो का, मैं सेवक तेरे चरणों का, जब तेरी किरपा मिलती

वाह रे वाह घोटे वाले तेरा है खेल निराले, जिस ने संसार सम्बाला उसकी तू नाव सम्बाले, भगती है तेरा

नैन मिली बात बनी बात बनी प्रेम बड़ा, मैं प्रेम में तेरे खो गया ओ संवारा मैं तेरा हो गया,

बंसी बजाने आजा माखन चुराने आजा, सखियाँ तुझे पुकारे ओ मेरे कान्हा आजा, लाखो की बिगड़ी तूने पल में है

दीवाना हूँ तेरा कहना, दीवाना हूँ तेरा कहना मुझे जयादा ना तड़पना, कभी गोकुल में ढुंढू तुझे, वृन्दावन में ढुंढू

बेश बदल कर नारी बन कर चले है तन कर श्याम, सभी को भा गये है ब्रिज में आ गये