
कन्हैया तोपे रंग डारेगो सखी घूँघट काहे खोले।।
कन्हैया तोपे रंग डारेगो सखी घूँघट काहे खोले।। भरी पिचकारी तोरे माथे पे मारेमाथे पे मारे हांजी माथे पे मारेसखी
कन्हैया तोपे रंग डारेगो सखी घूँघट काहे खोले।। भरी पिचकारी तोरे माथे पे मारेमाथे पे मारे हांजी माथे पे मारेसखी
मुरलीधर, गोपाल, कन्हैया,मत छेड़ो नंदलाल, कन्हैया। मैं गोरी सी एक गुजरिया,कब से बैठी, आय अटरिया,इत उत खोजें, बेसुध नैना,जित देखूँ
राधे तेरा बरसाना इस जग से न्यारा हैहम और किधर जाएँ यही घर अब हमारा है तेरे बरसाने की श्यामा
मेरो मन वृन्दावन में अटको, मेरो मन हरि चरणन में अटको।मेरो मन वृंदावन में अटको, मेरो मन हरि चरणन में
नजर में रहते हो मगर तुम नजर नहीं आते,ये दिल बुलाये श्याम तुम्हे पर तुम नहीं आते,नजर में रहते हो
अब हम भगवान के हो गए, भगवान हमारे हैं। यदि नाथ का नाम दयानिधि है,तो दया भी करेंगे कभी न
मनमोहन तुझे रिझाऊं, तुझे नित नए लाड लडाऊं,बसा के तुझे नयन में, छिपा के तुझे नयन में। गीत बन जाऊं
सारे मोहल्ले में ये हल्ला हो गया, मैया यशोदा के लल्ला हो गया। श्यामल रूप नैन कजरारे, बाल हैं इनके
आनंद छाय रहे बरसाने,नित नित होवे मंगलचार।।ब्रजभूमि सब जग तें न्यारी, जन्म लियो जहां राधा प्यारी।अष्टसिद्ध शतकोट बसें जहां,वेद न
कभी नर सिंह बन कर, पेट हिरणाकुश को फाड़े,कभी अवतार लेकर, राम का रावण को संहारे कभी श्री श्याम बन