
कभी सँवारे तू मेरे घर में आ जाना
कभी सँवारे तू मेरे घर में आ जाना, मगर आना इस तरह तू के यहाँ से फिर न जाना, तू

कभी सँवारे तू मेरे घर में आ जाना, मगर आना इस तरह तू के यहाँ से फिर न जाना, तू

जैसे राधा ने माला जपि श्याम की मैंने ओहडी चुनरियाँ तेरे नाम की, प्रीत क्या जुडी डोर क्या बंधी बिन

मेरा किथे गया बंसरीवाला सखिया तो राधा पुछ्दी यमुना दे कंडे कंडे गऊआ श्याम चारदा गेंद दे बहाने छाल यमुना

श्री राधा रसिक बिहारी,जय राधा रसिक बिहारी, तेरी सूरत है प्यारी प्यारी श्री राधा रसिक बिहारी तेरा सुंदर सुंदर रूप

ऊचे पहाड़ो पे बाबा का धाम निराला है, अमरनाथ जो गया है भगतो किस्मत वाला है, कठिन राह है रहते

सवालिया सरकार बेगा आओ, थारी है दरकार बेगा आओ, कब सु करा पुकार न बिसराओ, सवालिया सरकार बेगा आओ, तेरी

मेरो मन लग्यो मुरलिया वारे ते,अब घर कैसे जाऊं। घर जाऊं तो मेरी सास लडे़गी,सास लडे़गी मोपे जुलम करेगी, कहदेगी

मेरा श्याम है दीन दयाल रहंदा हर दम मेरे नाल, राती सपने दे विच आ गया, मेरा श्याम है दीन

रंग डालो ना बीच बाजार श्याम मैं तो मर जाऊंगी मैं तो लुट गई बीच बाजार रसिया होली में मैं

आई बागों में बहार, झूला झूले राधा प्यारी झूले राधा प्यारी, हाँ झूले राधा प्यारी सावन की ऋतु है आई,