
मिटटी का खिलौना मिटटी में मिल जायेगा
अरे मान मेरा केहना नही तो पश्तायेगा, मिटटी का खिलौना मिटटी में मिल जायेगा, हो माया माया क्या करता है,

अरे मान मेरा केहना नही तो पश्तायेगा, मिटटी का खिलौना मिटटी में मिल जायेगा, हो माया माया क्या करता है,

कनक अंगनवां फिरत कन्हैया, मधुरी बोल कछु सीखत मोहन, कहन लागे अब मैया मैया, कनक अंगनवां फिरत——-।। नन्द महर सों

कान्हा माखन तुझे खिलाऊ आजा बरसाने दहिया खिलाऊ छाज पिलाऊ आजा बरसाने कान्हा माखन तुझे खिलाऊ आजा बरसाने सांझ डले

तेरे जादू भरी बात रे नैनो से करते हो प्रेम शुरवात पेहले धीरे से मुस्काये और दिल में समाये फिर

जय जय जय श्री बाल मुकुन्दा जय जय जय श्री बाल मुकुन्दा……. मैं हूं चरण चरणरज बंदा जय जय जय

ओ तिरंगा ही घर घर सजा और कोई नही अब भजा वो तिरंगा ही घर घर सजा इस में रेहते

कोई कहियो रे प्रभु आवन की, आवन की मन भावन की कोई कहियो रे प्रभु आवन की आप न आवे

बनके मासूम जो घनश्याम मुस्कुराते हो तुम्हे मालुम नही कितना सितम ढाते हो सुनो हे राधिका जो तुम न नजर

सुन मुरली की तान गिरधारी रातो की मेरी नींद उड़ गई तेरी मुरली की तान बड़ी प्यारी रातो की मेरी

दिल धडकन तुही जान राधा सच कहता हु बात मान राधा, बंसी की धुन राधे राधे पुकारे तू ही मेरी