
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया, बिना शादी किये राधे-श्याम कैसे हो गया, रानी-पटरानी सारी हाजिरी लगावै, राधे

बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया, बिना शादी किये राधे-श्याम कैसे हो गया, रानी-पटरानी सारी हाजिरी लगावै, राधे

मंदिर में उड़े रे ग़ुलाल गुलाबी रंग प्यारा लगे, हो मंदिर में उड़े रे ग़ुला गुलाबी रंग प्यारा लगे ग़ुलाबी

है कृष्ण कन्हैया, यमुना तट पर रास रचाने आयो, मुरली की तान सुनाने मैंने गोकुल से बुलवायो मोटे मोटे नैन

कोई भाव से कोई प्यार से, बोले जो राधे राधे भाग जग जाएगा, कोई भाव से, बोले जो राधे राधे,

धुन- हम तो तेरे आशिक़ हैं जिंदगी सवार दी, तुमने हमारी ll, “साँवरे बिहारी, जय हो तुम्हारी ll”-ll तुमसे मिलने

ओ पालन हारे निर्गुण और न्यारे, तुम्हरे बिन हमरा कोई नही, हमरी ये उलझन सुलझाओ मोहन, तुम्हरे बिन हमरा कोई

मोर बोले, चकोर बोले, *आज राधा के, नैनो में श्याम डोले ll श्याम मेरी भीनी भीनी, अँखियों का कज़रा ll

असां कृष्ण कृष्ण कहना ए, जब तक रहना ए । मेरे अन्दर भी कृष्ण, मेरे बाहर भी कृष्ण । कृष्ण

( श्री कृष्ण, गोविन्द, हरे मुरारी, हे नाथ, नारायण, वासुदेवा ll ) कन्हईया की धुन में, बहा जा रहा है

मन इकतारा तू हाथ उठा ले मीरा जैसा प्याला मस्ती का चडा ले, अरे राधे राधे की जो प्यारे रटना