
हे कान्हा मोहे, बहुत सतावत तोरी अखियां
हे कान्हा मोहे, बहुत सतावत तोरी अखियां हे कान्हा मोहे, बहुत सतावत तोरी अखियां चहुँ दिस में कहूँ ठौर नाही

हे कान्हा मोहे, बहुत सतावत तोरी अखियां हे कान्हा मोहे, बहुत सतावत तोरी अखियां चहुँ दिस में कहूँ ठौर नाही

जय सीता राम की। जय राधे श्याम की॥ राम नाम लड्डू ,गोपाल नाम घी। हरि नाम मिश्री ,तू घोल घोल

प्रीता तेरे नाल लगियां वे श्यामा वे, वे तू करदा एहे ठागिया,वे श्यामा वे, प्रीता तेरे नाल……………………….. . वे मैं

यह मेरी अर्ज़ी है वैसी बन जाओ जैसी तेरी मर्ज़ी है, वो इतना प्यारा है ॥ के चाँद कहे उस

बृज धाम जाने वाले मेरा पैगाम लेजा। संदेसा टूटे दिल का कान्हा के नाम लेजा।। पहले तू मेरे श्याम के

बंसी के बजाने वाले प्रभु कभी दर्शन दिखाओ तो मैं जानू-२ त्रेता में आये तो क्या आए, द्वापर में आये

आशा रख पगली आऐगे॥ क्यों धीरज खोये जाती है , हरी आयेगे हरी आयेगे मग्रत्र्ती कुंगल झलाका के,फिर तिर्शी चितवन

हो.. आ… हे गोपाल कृष्णा करूँ आरती तेरी हे प्रिया पति मैं करूँ आरती तेरी तुझपे ओ कान्हा बलि बलि

दिल लूटा नयन मिला कर मुरली वाले ने, मुरली वाले ने, वाले ने, वाले ने, वाले ने, कमल नयन की

काला बदन दिल गोरा, कन्हिया तुने क्या जादू डाला । बांके नैना तेरे बांकी अदाएं । इसने दीवाना कर डाला,