
गोपाल गोकुल वल्लभे प्रिय गोप गोसुत वल्लभं
गोपाल गोकुल वल्लभे प्रिय गोप गोसुत वल्लभं चरनरविन्दं अहं भजे भजनीय सुरमुनि दुर्लभं घन श्यामं काम अनेखा छभि लोकाभि राम

गोपाल गोकुल वल्लभे प्रिय गोप गोसुत वल्लभं चरनरविन्दं अहं भजे भजनीय सुरमुनि दुर्लभं घन श्यामं काम अनेखा छभि लोकाभि राम

कान्हा कैसी प्रीत लगाई, बिनु सुमिरन तड़पत मन मोरा, जल बिनु मीन की नाई, कान्हा कैसी प्रीत लगाई…… राधा मीरा

देना हो तो दीजिए जनम जनम का साथ । अब तो कृपा कर दीजिए, जनम जनम का साथ । मेरे

लूट के ले गया दिल जिगर, संवारा जादूगर। संवारा मेरा संवारा, संवारा मेरा संवारा॥ मैं तो गयी भरने को यमुना

आ, लौट के आजा मेरे श्याम, आ, लौट के आजा मेरे श्याम, तुझे ब्रजवाम बुलाती हैं, तेरा सूना पड़ा रे

पूछा मैंने सभी से श्याम मिलता है कहा, सबने कहा खाटू जा श्याम मिलता वहा, खाटू के कण कण में

सांवरिया तेरे नाम पे कुर्बान हो गए, जबसे आप हम पे मेहरबान हो गए, तेरा नाम लेते लेते मशहूर हो

दीवाना हुआ रे नन्दलाल कहियो रे राधा रानी से, करता फिर धमाल कहियो रे राधा रानी से, कुञ्ज गली में

मैं क्या बताऊँ कितनी कमी हैं तेरे बगैर, दुनिया उदास लगने लगी हैं तेरे बगैर, ‘आजा’ ‘आजा’ ‘आजा’ ‘आजा’ आजा

श्याम माय डिअर मस्ताना, बाय गॉड दीवानो का दीवाना, दीवानी थी मीरा लिया विष का प्याला, तो प्याले में आया