
कृष्ण कन्हैया अरे ओ गउये चरैया
कृष्ण कन्हैया अरे ओ गउये चरैया, बंसी बजैया आजा सामने, ये जग झूठा है खेल है सपना, कोई नहीं है

कृष्ण कन्हैया अरे ओ गउये चरैया, बंसी बजैया आजा सामने, ये जग झूठा है खेल है सपना, कोई नहीं है

जो कुछ भी मैंने पाया वो है तेरी मेहरबानी, जो कुछ खोया मैंने वो मेरी नादानी, तूने बदल डाला मेरे

हमने भरोसा कर लिया सरकार श्याम का, सरकार श्याम का सरकार श्याम का, लगता है प्यारा हमको तो दरबार श्याम

चली चली रे दरस को मैं चली रे, चली कान्हा जी की ओर, थामे भक्ति की डोर, चली बाँके बिहारी

बंसी की धुन पे नाची रे राधा हो के दीवानी, काहना के रंग रच गयी राधा रानी। किसना के तन

तेरे ही भरोसे मेरी नैया रे कन्हियाँ, चाहे पार करो या मजदार डुबो मेरे सांवरियां, टूटी फूटती नाव मेरी ये

कृष्णा कृष्णा आए कृष्णा, जगमग हुआ रे अंगना। चाँद सूरज सितारे, झुके चरणों में सारे, आज झूम झूम गाए यमुना॥

अइले यशोदा के ललनवा बजनवा बाजे, बरहो बजनवा बाजे बरहो बजनवा बाजे, अइले यशोदा……….. ननद जी लूटावे सोना चांदनी अन

कुंडला वालेया ज़रा आँख मिलायी ओये, मैं वी आयी आ क्यों नीवी पायी ओये, लोकी कहंदे तू भोलियाँ नु ठगदा

गोविन्द बोलो हरी गोपाल बोलो, राधा रमण हरी गोविन्द बोलो. पिंडा विचो पिंड सुनी दा खेडा, उस दियां दो कुढ़ियाँ