
चाहे रूठो या राज़ी रहो
चाहे रूठो या राज़ी रहो,मुझे दर पे भुलाना पड़ेगा, मैं हु हर हाल में तेरा फैसला सुनाना पड़ेगा, चाहे मुझसे

चाहे रूठो या राज़ी रहो,मुझे दर पे भुलाना पड़ेगा, मैं हु हर हाल में तेरा फैसला सुनाना पड़ेगा, चाहे मुझसे

वृन्दावन की कुंज गली में डाका पड़ने वाला है , थाम के रखियो गगरी सिर पे माखन लूटने वाला है,

वो फूल ना अब तक चुन पाया जो फूल चढ़ाने है तुझपर, मैं तेरा द्वार न ढूंढ सका साई भटक

जदो दी मेरी राधे दयाल हो गई, कंगाल सी मैं लोको मालोमाल हो गई, का का करदी सी कौआ वांग

बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया, सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया। मीरा पुकारी जब गिरिधर गोपाला, ढल

तू जो आ जाये इक पल सांवरियां दीवाना आलम हो जायेगा, मेरा घर गोकुल मथुरा होगा कभी ये वृद्धावन हो

श्री राधे तेरा लख लख शुकराना, बना दिया है तूने मुझको अपना दीवाना, श्री राधे तेरा लख लख शुकराना, श्री

श्यामा प्यारी प्यारी कुञ्ज बिहारी, जय श्री हरिदास दुलारी, श्यामा प्यारी प्यारी कुञ्ज बिहारी, घनश्याम मेरी तुम बात सुनो, तुम

याद किया न कभी श्याम को बस माया ही जोड़ी, श्याम नाम धन सिवा साथ ना जाये फूटी कोड़ी, श्याम

हम तो दीवाने श्याम तेरे जय राधे राधे गाये गे, श्याम को मनायेगे, हम तो दीवाने श्याम तेरे… महल दो