तोड़ी न टूटे छोड़ी न छूटे
तोड़ी न टूटे छोड़ी न छूटे, ऐसी माधव की चितली , यु ललन सो प्रीत बनी बलि बलि जाऊ श्याम
तोड़ी न टूटे छोड़ी न छूटे, ऐसी माधव की चितली , यु ललन सो प्रीत बनी बलि बलि जाऊ श्याम
दिल कैसे तुझको पाये करूँ कौंन सा यतंन, रग रग में तूँ समाये,करूँ कौंन सा यतंन में, दिल कैसे…. मैं
श्याम की मुरली मधुर सुहावे रास रमवाने गोपी आवे हो कल कल यमुना बहती जावे रास में सज धज राधा
आज खुला कारागार कृष्णा ने लियो अवतार निर्मल दिशाए हो गई फूलो में डाल खो गई मंध मंध शीतल पवन
कुन जाने कद कौन से बेष में सांवरियो घर आ जावे, घर आया को मान राख जो भूल कोई न
जबसे मुझे ये तेरा दरबार मिला है, प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है, नजरो को जबसे तेरा देदार
ढोल नगाड़े बाजे बाजे शहनाइयां, श्याम भजन की भक्तो तुमको हो वदाहियाँ, रंग भक्ति में रंग के भगतो आज न
नौकर मुझे बना लो तेरी सेवा करूँ दिन रात हो मंज़ूर तुझे गर तो बन जाये मेरी बात देना या
थारी नगरी में सांवरिया नाचू दोनु आख्या मीच, दोनु आख्या मीच सांवरा दोनु आख्या मीच, बिन दर्शन मण्डो नहीं माने,
जब जब दिल गबराते है मुझे श्याम नजर तू आता है, दिल की बात बताने तेरे पास आ गई, सांवरिया