नन्द गांव दा कृष्ण कन्हियाँ
नन्द गांव दा कृष्ण कन्हियाँ रासा पावे यमुना ते देखो चल के, ग्वाल बाला नु ओ मखन खवावे, गोपाल नन्द
नन्द गांव दा कृष्ण कन्हियाँ रासा पावे यमुना ते देखो चल के, ग्वाल बाला नु ओ मखन खवावे, गोपाल नन्द
तेरे पद पंकज में रेवा सदा वंदना मेरी नमो नमो माँ रेवा नमो नमो वेद शाष्त्र सब गाये मैया तेरे
झूला झूले सांवरिया सवान रे ऋतू आई, मुरली भजाये मुरली वाला करि बदरी छाई, मेघा आज बरसो जी श्याम रंग
सुबह साँझ की वेला है सुख दुःख की कहानी है, ज़िंदगी ये तो कुछ भी नहीं ये तो आणि जानी
अपने सांवरिया के मैं करीब हूँ मैं दुनिया में सबसे खुश नसीब हूँ श्याम का दर घर लगता है अपना
किसका है श्याम बोलो किसका है श्याम, श्याम की दीवानी श्याम की दीवानी ये दुनिया तमाम, किसका है श्याम बोलो
तुम से मिलने की आस मेंमधुवन में देखू राह राह, चला आ जल्दी संवारे मेरे नैना हो गए वन्वारे, और
करले करले भजन जो उतरना हो पार ना तो जीवन की नैया रहेगी मजधार हरि नाम बिन पार लगे ना
तुम पास पास रहना तुम साथ साथ रहना, राही नया नया हूँ हमराही बन कर रहना, राहे है टेढ़ी मेढ़ी
बोलो बोलो रे गोपाला बोलो मैं तेरी तुम मेरे होलो मीरा ने तुम्हे पुकारा हरि आ कर दिया सहारा प्याले