
कहन लागे मोहन मईया मईया
कहन लागे मोहन मईया मईया नन्द बाबा सो बाबा रे बाबा और हल धर सो धैया, कहन लागे मोहन मईया

कहन लागे मोहन मईया मईया नन्द बाबा सो बाबा रे बाबा और हल धर सो धैया, कहन लागे मोहन मईया

चोरी चोरी माखन खाए नटखट माखन चोर लाख यत्न कर हार गई मैं उस पे चले न कोई जोर चोरी

रूठत श्याम रिझावत सखियाँ: रूठत श्याम रिझावत सखियाँ, कबहुँ चुमत मुख लेत बलैया, पुनि पुनि अंग लगावत सखियाँ, रूठत श्याम

वाह मेरे कृष्णा तेरी कुदरत, ते तेरिया बेपरवहिया जेरहिया गल्ला मेरे चित्त न चेते, आज ओहि देखनी

कैसे करूँ शुक्रिया इतना दिया है दाता, झोली में ना समाता किरपा पे तेरी जिया, कैसे करूँ शुक्रिया…… मेरी राहो

तेरा मेरे परिवार पे है बड़ा श्याम उपकार रे मुझको अपने दिल में रखना तुम भी मेरे दिल में रहना

खुशबु के बिना चन्दन सुना, उपवन सुना ये बहार बिना, मैं सुनी सांवरियां तेरे प्यार बिना, प्रेम दीवानी बनी सँवारे

ओ साँवरिया तूने पागल ही कर दिया कारे कारे नैनो से घायल ही कर दियां ओ साँवरिया तूने पागल ही

यशोदा तेरा ललना सताए हम को कभी मटकी को फोड़े कभी बहियाँ मरोड़े कभी ऊँगली पकड़ के नचाये हम को

मैंने कुटिया आज सजाई आजा आजा कृष्ण कन्हाई, तेरे दर्शन की प्यास जगे कन्हियाँ आजा घडी दो घड़ी, मैंने कुटिया