मोरे कान्हा मैं बस इतना चाहू
मोरे कान्हा मैं बस इतना चाहू तेरे चरनो में मुक्ति पाऊ, देह छुटे ये जब मुझसे मेरी मैं तुझमे ही
मोरे कान्हा मैं बस इतना चाहू तेरे चरनो में मुक्ति पाऊ, देह छुटे ये जब मुझसे मेरी मैं तुझमे ही
आये जी आये जी आये कृष्ण कन्हियाँ, कृष्ण कन्हियाँ बंसी बजाइयाँ , आये जी आये जी आये कृष्ण कन्हियाँ, रूप
सोना वेख के नज़ारा वृंदावन दा किते वी मेरा दिल नहियो लगदा, मेनू भूल गया सुख दुःख तन मन दा,
मुझे वृन्दावन जाना वही बस जाना है , ये बचा हुआ जीवन वही पे बिताना है मुझे ब्रिज जाना वही
मेरे जोगिया मैं ता तेरी जोगन हो गईया जोगन बन गयी आ मैं तेरी रोगन बन गयी आ तेरा जोग
हारा वाले जी तेरे बिना नही रहना, कुण्डला वाले जी तेरे बिन नही रहना, जदों भुलाये जिथे भुलाये, तेनु आना
तांडव गति मुंडन पै नाचत गिरिधारी, पं पं पं पग पटकत्, फं फं फं फननि परत, बिं बिं बिं विनति
राधा नाम, नदिया की, धारा बही जाए रे ll *धारा बही जाए रे , राधा नाम, नदिया की, धारा बही
तर्ज- कसमें वादे प्यार वफ़ा सब, कलयुग में एक बार कन्हैया ग्वाले बन कर आओ रे, आज पुकार करे तेरी
दर्दों के सहते सहते मोहन तुम्हे है पाया जग जब दुखों ने घेरा तेरा नाम गुनगुनाया दर्दों के सहते सहते