
बरसाने की छोरी
श्याम नाम रस की चटोरी बरसाने की छोरी पीवे ये रस चोरी चोरी बरसाने की छोरी छाज पिए न माखन

श्याम नाम रस की चटोरी बरसाने की छोरी पीवे ये रस चोरी चोरी बरसाने की छोरी छाज पिए न माखन

कान्हा रे कान्हा कान्हा रे कान्हा, ओ मेरे कान्हा हे प्यारे कान्हा, करले अर्ज मेरी मंजूर,कान्हा रे कान्हा मुझे तलब

सावन में कृष्ण मुरार झूला झूले कदम की ढाल, कोयल कु के कु के गाये मनहार, सावन में कृष्ण मुरार

सांवरे को दिल में बसा के तो देखो दुनिया से मन को हटा के देखो बड़ा ही दयालु है बांके

ज़रा चल के वृंदावन में देखो, कान्हा बंसी बजाते मिलेंगे. झूला झूल रही होंगी राधा प्यारी, श्याम झूला झुलाते मिलेंगे.

हो हो हो हो मीरा के घनश्याम आ गए ॥ शाम आ गए घनश्याम आ गए ॥ हो हो हो

तर्ज . ओ मेरे ढोलना ओ मेरे साजना…. अलाप…ओ..ओ..ओ…ओ… मेरे श्याम का , मेरे घनश्याम का जन्मदिन आया है ,

गोवर्धन गिरधारी सखी री श्याम सुंदर वनवारी, हमारो मन ले गयो रे गोवेर्धन गिरधारी, मोर मुकट माथे तिलक विराजे कानन

खेलत श्याम मातु सुख पावत खेलत श्याम मातु सुख पावत, तनु पीत झगुलिया कमर करधनी, मुनि मन मोहत हियँ हर्षावत,

कर दिदार श्याम तेरा लागे नैना तोसे, खेल समज ना आया नैना बोले मोहसे, श्याम तेरे होठो पे मुस्कान प्यारी,