
राती सपने दे विच नी गोपाल आ गया
राती सपने दे विच नी गोपाल आ गया, गोपाल आ गया नंद लाल या गया, नी ओ उड ,छिके ते

राती सपने दे विच नी गोपाल आ गया, गोपाल आ गया नंद लाल या गया, नी ओ उड ,छिके ते

लेके जल्दी से आओ अवतार कृष्णा धरती पे बड़ा है पापो का भार कृष्णा, धरती हुई है अब पापो से

भीगी पलकों तले सेहमी खवाइश पले, मंजिले ला पता श्याम कैसे चले, ऐसे में सँवारे तू बता क्या करे, घाव

मोरे कान्हा मैं बस इतना चाहू तेरे चरनो में मुक्ति पाऊ, देह छुटे ये जब मुझसे मेरी मैं तुझमे ही

आये जी आये जी आये कृष्ण कन्हियाँ, कृष्ण कन्हियाँ बंसी बजाइयाँ , आये जी आये जी आये कृष्ण कन्हियाँ, रूप

सोना वेख के नज़ारा वृंदावन दा किते वी मेरा दिल नहियो लगदा, मेनू भूल गया सुख दुःख तन मन दा,

मुझे वृन्दावन जाना वही बस जाना है , ये बचा हुआ जीवन वही पे बिताना है मुझे ब्रिज जाना वही

मेरे जोगिया मैं ता तेरी जोगन हो गईया जोगन बन गयी आ मैं तेरी रोगन बन गयी आ तेरा जोग

हारा वाले जी तेरे बिना नही रहना, कुण्डला वाले जी तेरे बिन नही रहना, जदों भुलाये जिथे भुलाये, तेनु आना

तांडव गति मुंडन पै नाचत गिरिधारी, पं पं पं पग पटकत्, फं फं फं फननि परत, बिं बिं बिं विनति