
किणु संग खेलूं होली
किणु संग खेलूं होली, पिया तज गए हैं अकेली माणिक मोती सब हम छोड़े, गल में पहनी सेली भोजन भवन

किणु संग खेलूं होली, पिया तज गए हैं अकेली माणिक मोती सब हम छोड़े, गल में पहनी सेली भोजन भवन

तू तो दई जा दही को दान गुजरिया बरसाने की तुन निर्मल दही बणायो थोड़ो हमख नही चखायो थारी मटकी

तनु घुट के कलेजे नाल ला लवा, कलेजे ठंड पान वलियाँ ,सुन मोहना, हो….. बाहा फड् के खुअवा तनु मखना,

मेरे श्याम सा निराला कोई और नहीं है हम दीनो का रखवाला कोई और नहीं है मेरे श्याम सा निराला

एक बार हमसे संवारे नजरे मिलाये, दिल को तो मैंने आपके कदमो में रख दियां, दुनिया हमारी आप है बस

जन्म लियो नन्दलाल ब्रिज में धूम मची, धूम मची देखो खुशियां मची, नैना निररख के निहाल ब्रिज में धूम मची

जबसे लगन श्याम से लागी मजा जीने का आया है, ये नशा न उतरे मुझपे ऐसा जादू छाया है, जबसे

भव पार लगा देंगी भज राधे राधे, हर काम बनादेगी भज राधे राधे, राधे राधे है ऐसा नाम सुन के

साडी गली आ वे श्यामा, अँखिआ विछाईया वे, सहीआं नहीं जांदीयां तेरीआ जुदाईयां वे हर पल हर घडी तेरिआं उडीकां

घुंगराले तेरे बाल है प्यारे सूरत है प्यारी तेरे कजरारे नैनो ने मैं तो घ्याल कर डारी, जब से हो