
यु सँवारे मेरी डगर न रोको देर हो जायेगी,
यु सँवारे मेरी डगर न रोको देर हो जायेगी, न झुक कलाही ऐसे न मरोडो देर हो जायेगी यु सँवारे

यु सँवारे मेरी डगर न रोको देर हो जायेगी, न झुक कलाही ऐसे न मरोडो देर हो जायेगी यु सँवारे

बडे मंदिर दिया मालिका मेरी अर्जी सुने ता जाना मैं किवे, होरा दे दुखड़े दूर किते जीवे मैनु वि बक्शी

आओ गोपाल तरस रहे नैना, तरस रहे नैना बरस रहे नैना, होजा परदे से बाहर आ परदा नशी, देख लू

गोवर्धन गिरधारी सुध लेना हमारी, लेना हमारी सुध, लेना हमारी, आए शरण तिहारी सुध लेना हमारी, गोवर्धंन………. मोर मुकुट पीताम्बर

कृष्णा कृष्णा आये कृष्णा जगमग हुआ रे अंगना, चाँद सूरज सितारे झुकते चरणों में सारे आज झूम झूम गाये यमुना,

श्याम धनि तेरी सांवरी सूरत लागे सै घणी ये प्यारी मैं तो जाऊं बलिहारी मोर मुकुट तेरे सर पे सोहे

क्यों मुझसे तुम खफा हो कैसे तुम्हे मनाऊँ रो रो के मेरे सांवरे दिल का हाल सुनाऊँ क्यों मुझसे तुम

घर घर बजे बधाई आज यहाँ गोकुल में, प्रगटे कुंवर कन्हाई आज यहाँ गोकुल में, आज महा मंगल बाहों माहि,

इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से निकले, गोविन्द नाम लेकर फिर प्राण तन से निकले इतना तो करना

तेरी गोद मे आयो लाल,बधाई देदे री मैया, झूले पलने में नंदलाल,गोपाल बधाई देदे री मैया, देदे री मैया बधाई