रटो राधा राधा जपो राधा राधा राधा
रटो राधा राधा जपो राधा राधा राधा राधा नाम मिटावे जीवन की हर वाधा, रटो राधा राधा जपो राधा राधा
रटो राधा राधा जपो राधा राधा राधा राधा नाम मिटावे जीवन की हर वाधा, रटो राधा राधा जपो राधा राधा
मुझे दे दर्शन गिरधारी रे, तेरी सांवरी सूरत पे मैं वारि रे। जमुना तट हरी धेनु चरावे, मधुर मधुर स्वर
मिलती है प्रेमियों की संगत कभी कभी, चढ़ती है श्याम नाम की रंगत कभी कभी, मिलती है प्रेमियों की संगत….
मैं भानु लली की दया चाहता हूँ अटारी की ताजी हवा चाहता हू भटकता रहा हूँ मैं दुनिया के
तू क्या जाने ये जब जमाना दुखी होता है, तेरी तस्वीर से लिपट कर बहुत रोता है, कौन सुनता है
मेरे कान्हा जो आये पलट के, आज होली मैं खेलूंगी डट के, अपने तन पे गुलाल लगा गे, उनके पीछे
डारो डारो री रंग बनवारी पै, डारो डारो री। लालहिं लाल गुलाल गाल मलु, मलु अबीर लटकारी पै, डारो डारो
अपने अपने मुख से गोविन्द नाम जपो रे, गोविन्द नाम जपो रे गोपाल नाम जपो रे, अपने अपने मुख से
श्याम सलोने मुझको दे वर सेवा तुम्हारी करू उम्र भर, जीवन ये बीते शरण में तेरी छूटे कभी न ये
आज गोकुल नगरिया निहाल हे सखी, लिये जनम कन्हाई कृष्णलाल हे सखी, आज गोकुल नगरिया…… गूँजत नन्द भवन किलकारी, देखन