दुनिया की खा के ठोकरे
दुनिया की खा के ठोकरे तेरी शरण में आई ठुकरा ना देना हमको मन में ये आस आई दुनिया की
दुनिया की खा के ठोकरे तेरी शरण में आई ठुकरा ना देना हमको मन में ये आस आई दुनिया की
तमन्ना फिर मचल जाये अगर तुम मिलने आ जाओ, ये मौसम ही बदल जाए अगर तुम मिलने आ जाओ मुझे
किनारे मेरी नैया लगा दे ओ कन्हैया, नित जपु तेरा नाम आज नरसी के श्याम नही तुस और खिवैया, कनारे
किशोरी अब मेरा जीवन सहारे आप के ही है , सम्बालो तो सम्बल जाऊ बिगाड़ो तो बिगड़ जाऊ, खिलौना हु
सांवरिया मिलने आजा रे, बांसुरियां मुझे सुना जा रे, क्यों राधे नीर बहाये रही, तेरी मुझको याद सताए रही, मेरी
आ शाम के संग में चलें प्यारे बरसाने में यूं कहें हम ब्रज की बातें अपनी आवाजों में कान्हा मिलना
मैंने सांवरा सलोना पसंद कर लिया, जी भर के देखा नजर बंद कर लिया, मैंने सांवरा सलोना पसंद कर लिया,
उड़ जा काला कागला संवारियो आवे रे, बाबा को लयादे रे सन्देश वावला, उड़ जा काला कागला….. काली काली पाखा
मैं अब ना घोटु भांग तेरी अपने पीहर को जाऊगी, ना तेरे भगल में आउंगी, तुझको न मेरा ध्यान कति
आ श्याम शरण में प्यारे, आ श्याम शरण में प्यारे फसा क्यूँ दुनिया की, फसा क्यूँ दुनिया की उलझन में