
प्रेम रस बरसायो श्याम ब्रिज धाम आयो
सांवली सलोनी छवि मद गोपाल की लट घुन्ग्राली काली अखियाँ कमाल की गली गली चर्चा चले यशोदा के लाल की

सांवली सलोनी छवि मद गोपाल की लट घुन्ग्राली काली अखियाँ कमाल की गली गली चर्चा चले यशोदा के लाल की

ना रोको दुनिया वालो वृंदावन मैनु जान देयो मैं ता हो गई श्याम सुन्दर दी श्याम सुन्दर दी रहन देयो

मेरे सँवारे मुझको देदो सहारा, हु मायूस मैंने तुझको पुकारा, मैं करता हु कोशिश न कोई भी रूठे, मेरी बातो

जिसके हृदय में हरी सुमिरण होगा, उसका सफल क्यों ना जीवन होगा, भक्त को भगवान का चिंतन होगा, उसका सफल

मुझको तू रंगले रंगले तू मुझको मुझको तू रंगले ओ संवारे रंग में तेरे संवारे रंग में तेरे, तेरे दर

बंसी बजा के नन्दलाल हाय नी मेरा दिल ले गया सजना वे मेरा दिल ले गया मैं नित उसके वायदों

दूर है न ये किनारा मेरे श्याम, दूर है न ये किनारा ना समज आये मेरी, नाव डूबे गी मेरी

आया मैं तेरे द्वार पे दुनिया से हार के, मर्जी तेरी तू थाम ले चाहे विसार दे गैरो की छोड़ो

मिश्री से मीठे कान्हा जी गुड़ से मीठा राधा नाम, प्रेम भाव से जप लो तो बन जाए बिगड़े काम,

नरम नरम लायी घाल गरम कान्हा माखन रोट मैं श्याम जिमावै जाटनी घुंघट की ओट म्ह सांवरिया करूं ओट तन