तुझे फरयाद इस दिल की सुनाई क्यों नही देती
तुझे फरयाद इस दिल की सुनाई क्यों नही देती लबो से आह जो निकले दिखाई क्यों नही देती बरसती है
तुझे फरयाद इस दिल की सुनाई क्यों नही देती लबो से आह जो निकले दिखाई क्यों नही देती बरसती है
हरी का भजन करूँ हरी को नमन करूँ हरी को पुकारूँ सुबह शाम हरी के भजन बिन जीवन सूना कैसे
मोहन तुम्हारे प्यार ने जीना सीखा दिया हमको तुम्हारे प्यार ने इन्सां बना दिया रहते है जलवे आपके नज़रों में
फिर क्यों बुला हरी का नाम जब वचन दिया है तूने जब वचन दिया है तूने फिर क्यों बुला हरी
मैं ढूंढ चूका सारा जग पता न कही तेरा मिला. मैं ढूंढ ढूंढ कर हारा,पता न कही तेरा मिला, बिन
आजा आजा रे सांवरिया थारा टाबर बोले थारे से मिलन खातिर मन डोले खाटू से लीले पे चढ़ के आजा
सांवरे इतना तो कह दे, किस से जा कर हम कहे, आप के होते कन्हैया, दास क्यों दुखड़े सहे, सांवरे
क्यों पीछे पीछे आवे तोहे श्याम लाज न आवे, अरे क्यों बच बच राधे जावे तू श्याम के मन को
कब आएगा मेरा सांवरिया ,कब आएगा मेरा सांवरिया जाने कब आएगा,मुझे अपना बनाएगा, मेरे आँसु पूँछ कर मुझे गले लगाएगा
आज लगियां रोंनका बड़ियाँ श्याम तेरे मंदिरा ते, दुरो दुरो भगत ने आये बांके बिहारी जी दे दर्शन पाये, लगियां