जब जब मैं तुमको याद करू
जब जब मैं तुमको याद करू, तुम दौड़े दौड़े आते हो, ये कौन सा रिश्ता ये कौन सा नाता, ये
जब जब मैं तुमको याद करू, तुम दौड़े दौड़े आते हो, ये कौन सा रिश्ता ये कौन सा नाता, ये
मेरे मोहन तेरा मुस्कुराना भूल जाने के काबिल नहीं है चोट खायी है जो मैंने दिल में वो दिखने के
ज़रा छलके ज़रा छलके वृदावन देखो ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो श्याम बंशी बजाते मिलेंगे श्याम मुरली बजाते
गोमाता की सेवा करना हर हिन्दू का कर्म है, गोमाता की रक्षा करना हर हिन्दू का धर्म है, सूखे तिनके
क्यों खा रहा है ठोकर चल श्याम की शरण में मत वक़्त काट रोकर चल श्याम के शरण में क्यों
बंसी दे नाल ना मार श्यामा वे सानू बंसी दे नाल ना मार बंसी तेरे दिया मिठिया ने ताना किथों
तुम बिन प्यासे नैना दर्श कब दोगी श्री राधे बैठी तेरी आस लगाये, तुम बिन अब तो जिया न जाए,
मैं मांगता तुमसे मेरे बाबा, वो चीज मुजको जरुर देना , मिले जामने की सारी खुशिया, मगर ना मुजको गरूर
जिनको तुम्हने सेठ बनाया वो क्या रिश्ते दार है, उनसे प्यार है हमसे टकरार है, सेठ जो आते वृन्दावन में
बाबा बनवाड़े खाटू में घर परमानेंट, थारे धाम को बन जाऊ मैं सांवरियां सर्वेंट, बाबा बनवाड़े खाटू में घर परमानेंट