
शबरी बुहारे रास्ता आएंगे राम जी
शबरी बुहारे रास्ता आएंगे राम जी, जीवन धन्य मेरा भी बनायेगे राम जी, ढलियो में बेर रोज वो चुन चुन

शबरी बुहारे रास्ता आएंगे राम जी, जीवन धन्य मेरा भी बनायेगे राम जी, ढलियो में बेर रोज वो चुन चुन

फिर क्यों बुला हरी का नाम जब वचन दिया है तूने जब वचन दिया है तूने फिर क्यों बुला हरी

किशोरी इतना तो कीजो, लाड़ली इतना तो कीजो, जग जंजाल छुड़ाए वास बरसाने को दीजो । भोर होत महलन में

तेरे प्यार ने कन्हैया, पागल बना दिया है । ओ जादूगर ये कैसा, जादू चला दिया है । सांसें ये

तुझे फरयाद इस दिल की सुनाई क्यों नही देती लबो से आह जो निकले दिखाई क्यों नही देती बरसती है

हरी का भजन करूँ हरी को नमन करूँ हरी को पुकारूँ सुबह शाम हरी के भजन बिन जीवन सूना कैसे

मोहन तुम्हारे प्यार ने जीना सीखा दिया हमको तुम्हारे प्यार ने इन्सां बना दिया रहते है जलवे आपके नज़रों में

मैं ढूंढ चूका सारा जग पता न कही तेरा मिला. मैं ढूंढ ढूंढ कर हारा,पता न कही तेरा मिला, बिन

आजा आजा रे सांवरिया थारा टाबर बोले थारे से मिलन खातिर मन डोले खाटू से लीले पे चढ़ के आजा

सांवरे इतना तो कह दे, किस से जा कर हम कहे, आप के होते कन्हैया, दास क्यों दुखड़े सहे, सांवरे